जयगंगान (बसदेवा)

जय हो छत्तीसगढ़ जय हो तोर,
पोक्खा पोक्खा ओजना ल छोर।
खा खा के होगे हावय मोठ,
ईहांके नेता लबरा लफंगा हावैचोर
               जय गंगान.........।



ऊहि गऊटिया ऊहि सियान
साधू संत सहि ऊखर पहिचान।
नई देवे गरीब के धियान,
कब होही ओकरो कल्यान।
                   जय गंगान.....।

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तोर चमचा नामी गिरामी हे,
थोकिन वहु हरामी हे।
भगवान ह ऊखर बर राजी हे।
हड़िया मा सुक्खा भाजी हे।
                   जय गंगान....।



फेर चुनाव अवइया हे,
टिकिट तोला मिलईया हे।
तै करले कुरसी के जोरा,
खाली हवय तोर एकठन बंगला।
भर डार तै एला वोला।।
                  जय गंगान.....।



पुरुषोत्तम चक्रधारी सूर्य
पांडुका गरियाबंद छ.ग.

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