आचार संहिता क्या है

              किसी भी राज्य या केंद्र में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद चुनाव आचार संहिता भी लागू कर दिया जाता है आचार संहिता लागू होते ही केंद्र एवं राज्यों में उनके सरकार और प्रशासन पर बहुत से पाबंधियाँ लग जाते है। 
               सत्ताधारी पार्टी के  मुख्यमंत्री  किसी भी प्रकार की कोई घोषणा नहीं कर सकते, शिलान्यास नहीं कर सकते, लोकार्पण नहीं कर सकते और ना ही किसी नवीन कार्यों का भूमि पूजन कर सकते हैं, तथा वे सरकारी खर्च से किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं कर सकते जिससे दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। 
                आचार संहिता में भारतीय निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों के आचरण उनके क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए पर्यवेक्षक की नियुक्ति करता है ताकि वे किसी भी प्रकार के नियमों का उल्लंघन ना करें।

राजनीतिक दलों पर लगी पाबंदी 

      1. कोई भी राजनीतिक दल या उसका नेता किसी भी प्रकार का ऐसा कार्य नहीं करेगा जिससे किसी जाति, धर्म समुदाय या भाषा के आधार पर उनके बीच मतभेद पैदा हो। 
      2. कोई भी राजनीतिक दल या उनका नेता किसी दूसरे दल के जुलूस में बाधा नहीं डाल सकता। 
      3. किसी के अनुमति के बिना उनके घरों के दीवारों पर कोई नारा नहीं लिख सकता और ना ही किसी के भूमि का व्यक्तिगत रूप से राजनीतिक उपयोग कर सकता है जिससे उनकी पार्टी को फायदा पहुंचे। 
      4. राजनीतिक दल कोई ऐसा फरमान जारी नहीं कर सकता जिससे किसी की जातिगत या धार्मिक  भावनाएं  आहत हो जिससे नागरिकों बीच वैमनस्यता बढ़े।
       5. कोई भी राजनीतिक दल का नेता या राजनीतिक दल किसी कार्यक्रम में विरोधी दल के कार्यक्रमों और नीतियों का आलोचना कर सकता है किंतु विरोधी नेता का व्यक्तिगत रूप से आलोचना नहीं कर सकता। 
        6. किसी भी धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता।



अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए पाबंदी

             1- कोई भी अधिकारी राजनीतिक दल को सभा के लिए स्थान देते समय उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे। 
            2- यदि कोई भी नेता किसी चुनाव कार्य के लिए जा रहा हो तो उनके साथ अधिकारियों एवं कर्मचारियों का जाना वर्जित है। 
             3- कोई अधिकारी या कर्मचारी जिनकी ड्यूटी लगाई गई हो उन्हें छोड़कर किसी राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे। 
             4- कोई भी अधिकारी या कर्मचारी किसी उम्मीदवार के निर्वाचन मतदाता या गणना एजेंट नहीं बन सकता।

पुलिस विभाग की भूमिका 

               1- राजनीतिक दल अगर अपना कोई राजनीतिक जुलूस निकाल रहे हैं तो इसकी सूचना पुलिस को जुलूस निकालने का समय , उनका प्रारंभ होने का स्थान,  किन-किन मार्ग से उन्हें गुजर ना है तथा समाप्ति का समय के साथ देना होगा। 
2- पुलिस को यह ध्यान रखना है की जुलूस निकलते समय यातायात प्रभावित ना हो। 
3- जुलूस हमेशा सड़क के दाई ओर से निकाली जाए। 
4- राजनीतिक दल जुलूस के समय ऐसे किसी प्रकार के चीजों का प्रयोग नहीं करेंगे, जिससे उत्तेजना के समय उसका दुरुपयोग किया जा सके। 
5 -अगर दो भिन्न राजनीतिक दल का एक ही दिन एक ही रास्ते  से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले से बात कर लें की कौन से राजनीतिक दल किस समय अपना जुलूस निकालेंगे। 



सत्ताधारी दल के लिए नियम 

1- सत्ताधारी दल का कोई मंत्री या मुख्यमंत्री कैबिनेट की बैठक नहीं कर सकेंगे। 
2- सत्ताधारी दल किसी विश्राम गृह , डाक बंगला या सरकारी आवास पर अथवा हेलीपैड पर अपना एकाधिकार नहीं जता सकते। 
3- सत्ताधारी राजनीतिक दल सरकारी विमान एवं गाड़ियों का प्रयोग दल के निजी स्वार्थ एवं अपने उपयोग के लिए नहीं करेंगे। 
4- कोई भी मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार कार्य नहीं कर सकते। 
5- राजनीतिक दल शासकीय विश्राम गृह डाक बंगले या सरकारी आवासों को चुनाव प्रचार का कार्यालय नहीं बना सकते।

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