गैस सिलेन्डर फटने पर 50 लाख के मुआवजा का प्रावधान

            भारतीय कानून व्यवस्था से बहुत से लोग अनभिज्ञ रहते हैं, जिसके कारण वे अपने अधिकारों  का लाभ नहीं उठा पाते  और बहुत से समस्याओं का सामना करते हैं  आज हम चर्चा कर रहे हैं , भारतीय गैस कंपनियों द्वारा  प्रदान की जाने वाली गैस सिलेंडर से घटना होने पर मिलने वाले मुआवजे के संबंध में । आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 


           पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारणवश आपके घर में गैस सिलेंडर फट जाता है और आपके परिवार के किसी सदस्य को जानमाल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन पर करके तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते हैं यह बीमा कवर की राशि 50 लाख तक की है और कोई भी गैस कंपनी आपका क्लेम देने से मना नहीं कर सकती और ना ही इस बात को टाल सकती हैं
विशेष ध्यान देने योग्य कानूनी बातें
         राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम ने अपने फैसले में कहा है  कि मार्केटिंग डिसीप्लिन गाइडलाइंस 2014 फ़ॉर एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन के तहत डीलर ने अगर डिफेक्टिव सिलेंडर सप्लाई किया तो यह उसकी जिम्मेदारी होगी वह नियमों को ताक में रखकर पीड़ित पक्ष पर दोष नहीं डाल सकता और ना ही पीड़ित पक्ष को क्लेम देने से इंकार कर सकता है
               गाइडलाइंस कहती है कि डीलर डिलीवरी देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि दिया गया सिलेंडर सुरक्षित है या नहीं । अन्यथा दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी डीलर और गैस सिलेंडर प्रदान करने वाली  कंपनी की होगी।
दुर्घटना का क्लेम कैसे करें
             मुआवजे के लिए सबसे पहले आप दुर्घटना होते ही नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी एफ आई आर दर्ज करवाएंगे और उसकी f.i.r. की कॉपी अपने पास रखेंगे तथा एफ आई आर की कॉपी अपने गैस सिलेंडर वितरक के पास जमा करेंगे जिसमें दुर्घटना का संपूर्ण विवरण होगा जिसमें आप के जान-माल होने से नुकसान का पूर्ण विवरण नाम उम्र महिला या पुरुष समेत अन्य जानकारियां होंगी।
              F.i.r. कापी  के साथ ही घायलों के इलाज के मेडिकल पर्चे, मेडिकल बिल और मौत होने पर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट एवं मृत्यु प्रमाण पत्र गैस वितरण कंपनी को दिया जाता है ताकि बीमा की राशि तय हो सके। 
             उसके बाद गैस वितरक अपने गैस कंपनी को उसका विवरण सौपेगा तथा गैस कंपनी, बीमा एजेंसी से इस नुकसान का आकलन करने की सिफारिश करेगा जिससे बीमा कंपनी का कर्मचारी दुर्घटना स्थल पर आकर नुकसान का रिपोर्ट तैयार करके यह निर्धारित करेगा कि कितना नुकसान हुआ है और क्षति पूर्ति हेतु कितनी राशि पीड़ित पक्ष को दी जानी है।  
             पीड़ित पक्ष में किसी की मौत होने पर उपभोक्ता फोरम या संबंधित न्यायालय मृतक की आयु एवं नौकरी के हिसाब से मुआवजा तय करवाकर बीमा कंपनी को देने के लिए बाध्य करता है यह बीमा राशि 40 लाख से लेकर ₹50 लाख तक की होती है

घरेलू गैस कनेक्शन लेते ही उससे होने वाले दुर्घटना एवं उसके मुआवजे की व्यवस्था है, गैस कनेक्शन खरीदने के साथ ही उपभोक्ता की संपत्ति और उसके जानमाल के नुकसान की बीमा निर्धारित हो जाती है, तथा घरेलू गैस सिलेंडर फटने या उससे संबंधित अन्य दुर्घटना होने से बीमा की राशि उपरोक्त प्रक्रिया के तहत प्रदान की जाती है, ज्ञात हो कि इस बीमा के लिए गैस कनेक्शन लेने वाले लोगों को कोई प्रीमियम देना नहीं पड़ता बल्कि यह गैस बीमा कंपनी द्वारा करवाया जाता है।

किन स्थितियों में मुआवजा मिलने मे परेशानी होती है 

        अगर घरेलू गैस उपयोग करने वाला परिवार बाजार से बीना आई एस आई मार्क वाला कोई सामान जैसे रेगुलेटर, पाइप या लाइटर उपयोग करता है जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में क्लेम लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है
       घरेलू गैस दुर्घटना बीमा इंश्योरेंस के बारे में बताना गैस एजेंसियों की जिम्मेदारी है उसके लिए एजेंसी अपने गैस वितरण स्थान पर एक बोर्ड लगाकर इस संबंध में लोगों को जानकारी देना चाहिए, ताकि लोगों को उनके मुआवजे की राशि के बारे में पता चले और कोई दुर्घटना होने पर उस राशि को प्राप्त कर सकें।

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